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यही रात अंतिम यही रात भारी | Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhaari | Ramayan Bhakti Songs | Tilak

2021-09-29 305 Dailymotion

Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari Song Lyrics<br /><br />यही रात अंतिम यही रात भारी<br />बस एक रात की अब कहानी है सारी,<br />यही रात अंतिम यही रात भारी<br /><br />नहीं बन्धु बांधव न कोई सहायक,<br />अकेला है लंका में लंका का नायक,<br />सभी रत्न बहुमूल्य रण में गंवाए,<br />लगे घाव ऐसे की भर भी न पाए<br />दशानन इसी सोच में जागता है,<br />कि जो हो रहा उसका परिणाम क्या है<br />ये बाज़ी अभी तक न जीती ना हारी<br />यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..<br /><br />हो भगवान मानव तो समझेगा इतना<br />कि मानव के जीवन में संघर्ष कितना ,<br />विजय अंततः धर्म वीरों की होती<br />पर इतना सहज भी नहीं है ये मोती<br />बहुत हो चुकि युद्ध में व्यर्थ हानि<br />पहुँच जाये परिणाम तक अब ये कहानी ..<br />वचन पूर्ण हो देवता हों सुखारी<br />यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..<br /><br />समर में सदा एक ही पक्ष जीता<br />जयी होगी मंदोदरी या कि सीता ..<br />किसी मांग से उसकी लाली मिटेगी<br />कोई एक ही कल सुहागन रहेगी ..<br />भला धर्मं से पाप कब तक लड़ेगा<br />या झुकना पड़ेगा या मिटना पड़ेगा ..<br />विचारों में मंदोदरी है बेचारी<br />यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..<br /><br />ये एक रात मानो युगों से बड़ी है<br />ये सीता के धीरज कि अंतिम कड़ी है ..<br />प्रतीक्षा का विष और कितना पिएगी<br />बिना प्राण के देह कैसे जियेगी ..<br /><br />रामायण हिन्दू रघुवंश के राजा राम की गाथा है। । यह आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य, स्मृति का वह अंग है। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। रामायण के छः अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं, इसके २४००० श्लोक हैं।<br /><br />रामायण (टीवी धारावाहिक)<br />रामायण एक बहुत ही सफल भारतीय टीवी शृंखला है, जिसका निर्माण, लेखन और निर्देशन रामानन्द सागर के द्वारा किया गया था। 78-कड़ियों (एपिसोड) के इस धारावाहिक का मूल प्रसारण दूरदर्शन पर 24 जनवरी 1987 से 31 जुलाई 1988 तक रविवार के दिन सुबह 9:30 बजे किया गया।<br /><br />प्रारूप - धार्मिक<br />सर्जनकर्ता - रामानन्द सागर<br /> भाषा(एं) - हिन्दी<br /> अंक संख्या - ७८<br /> प्रसारण अवधि - ३५ मिनट<br /> मूल चैनल - दूरदर्शन<br /> मूल प्रसारण - २५ जनवरी १९८७ / ३१ जुलाई १९८८<br /><br /> यह एक प्राचीन भारतीय धर्मग्रन्थ रामायण का टीवी रूपान्तरण है और मुख्यतः वाल्मीकि रामायण और तुलसीदासजी के रामचरितमानस पर आधारित है। इसका कुछ भाग कम्बन की कम्बरामायण और अन्य कार्यों से लिया गया है।<br />28 मार्च 2020 से दूरदर्शन चैनल पर रामायण कार्यक्रम का पुनः प्रसारण हुआ है। जब देश में कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन घोषित हुआ है। । रामायण कार्यक्रम को एक बार फिर दूरदर्शन चैनल पर सर्वाधिक दर्शक रेटिंग मिली, जैसा कि ब्यूरो की प्रेस सूचना द्वारा बताया गया है।<br /><br />#RamayanSongs #Tilak #RamayanGeet #Bhajan #BhaktiSongs<br /><br />कलाकार संपादित करें<br />अभिनेता/अभिनेत्री पात्र<br />अरुण गोविल श्रीराम<br />दीपिका सीता<br />सुनील लहरी लक्ष्मण<br />संजय जोग भरत<br />समीर राजदा शत्रुघ्न<br />दारा सिंह हनुमान<br />बाल धुरी दशरथ<br />जयश्री गडकर कौशल्या<br />रजनीबाला सुमित्रा<br />पद्मा खन्ना कैकयी<br />ललिता पवार मन्थरा<br />अरविन्द त्रिवेदी रावण<br />विजय अरोड़ा इन्द्रजीत<br />मुलराज राजदा जनक<br />अपराजिता भूषण मंदोदरी<br />सुधीर दळवी वशिष्ठ<br />चंद्रशेखर सुमन्त्र<br />भूषण लकांद्री विष्णु

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